Thursday, June 24, 2010

सुनी- सुनाई- 3

हज़ार फूल कम है, इक दुल्हन को सजाने के लिए
एक फूल काफी है, अर्थी पर बिछाने के लिए
हज़ार खुशियाँ कम है, इक गम को भुलाने के लिए
एक गम काफी है, जिन्दगी भर रूलाने के लिए